
भारत में मोबाइल फोन पर अब तक 18% GST लगाया जाता था चाहे वो फीचर फोन हो, स्मार्टफोन या टैबलेट, सब पर यही दर लागू होती थी। लेकिन हाल ही में सरकार ने GST में व्यापक सुधार घोषित किए हैं, जिससे यह कैटेगरी अब भी नई GST संरचना का हिस्सा है। चलिए जानते हैं अब मोबाइल फोन पर GST कितने में लगेगा, और इतने बड़े सुधार का इसका अर्थ क्या है?
नया GST स्ट्रक्चर: 22 सितंबर से लागू
GST परिषद ने घोषणा की है कि 22 सितंबर 2025 से अब सिर्फ दो टैक्स स्लैब होंगे 5% और 18%, जहां अधिकांश वस्तुओं को 5% में लाया गया है, और मोबाइल फोन जैसी चीजें 18% स्लैब में बरकरार रहेंगी। यानी कि मोबाइल फोन की GST दर में कोई बदलाव नहीं हुआ है, लेकिन टैक्स ढांचे को बहुत सरल बनाया गया है।
सिस्टम का सरलीकरण अन्य वस्तुओं के लिए है लाभदायक
सरकार ने कई अन्य ज़रूरी घरेलू और दैनिक उपयोग की चीज़ों पर GST दर घटा दी है जैसे पैकेज्ड फूड्स, घरेलू उपकरण और किराने का सामान अब 5% या 18% में रिड्यूस किए गए हैं। लेकिन मोबाइल फोन, जो पहले के 18% टैक्स वाले कैटेगरी में थे, वे वहीं बने रहे।
यह बदलाव कॉस्मेटिक्स, खिलौने, कंसीमर इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे अनुभागों में देखा गया, लेकिन मोबाइल फोन पर फिलहाल राहत जारी नहीं हुई है।
इंडस्ट्री की दबाव: GST को 5% में लाने की मांग
इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) ने सरकार से अपील की है कि मोबाइल फोन जैसी आवश्यक वस्तुओं पर GST को 5% स्लैब में लाया जाए। उनका तर्क है कि 18% GST ने 2020 से अब तक इंडस्ट्री पर लगभग ₹81,800 करोड़ का अतिरिक्त बोझ बढ़ाया है और घरेलू बिक्री में गिरावट आई है इसलिए टैक्स कम कर इससे जनता को और डिजिटल इंडिया को फायदा होगा।
क्या GST में होगा मोबाइल फोन के लिए बदलाव?
अब तक GST परिषद या सरकार ने मोबाइल फोन पर GST कैसे समायोजित हो सकता है, इस पर कोई ऑफिसियल घोषणा नहीं की है। वर्तमान संरचना के तहत, मोबाइल फोन को निर्यात-क्षमता और घरेलू डिजिटल पहुँच बढ़ाने की दिशा में 18% GST में ही रखा गया है। फिलहाल कोई राहत नहीं, लेकिन इंडस्ट्री प्रदर्शनों के कारण आगे बदलाव संभव हो सकता है।
निष्कर्ष: मोबाइल फोन पर GST अभी बना हुआ है 18%
मौजूदा दर (सितंबर 2025): मोबाइल फोन पर 18% GST लागू है। यह दर अप्रभावित बनी हुई है, चाहे टैक्स स्लैब में बाकी कई चीज़ों को सरलीकृत किया गया हो।
सरकार के मान्य टैक्स स्ट्रक्चर: अब GST में सिर्फ दो दरें 5% और 18% (22 सितंबर से) के साथ एक विशेष 40% स्लैब है, लेकिन मोबाइल फोन 18% में शामिल हैं।
इंडस्ट्री का रुख: मोबाइल कंपनियां और सेल्स की बढ़त बढ़ाने वाले संगठन टैक्स को 5% में करने की मांग कर रहे हैं।






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